हम कौन हैं
पूछा गया
तो जवाब
नहीं आया
सब मौन।
ब्लॉगर
मीडियाकर्मी
प्रिंट से या
इंटरनेट से।
जाल में हैं
हम नेट के।
नेट खुद
जाल ही है
हम नेट के
जाल में हैं।
हम मौन नहीं
मनन में हैं
चिंतन में हैं
विमर्श में हैं
परामर्श में हैं
निष्कर्ष में होते
हुए उत्कर्ष में हैं।
सबके मन में हम
हम सबके मन हैं
ब्लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...
18 टिप्पणियां:
माना मन के मानाशाह हो,
ताने और बाने को लेकर-
मकड़ जाल के तानाशाह हो,
शब्दॉ से तुम ताने बुनते,
भावॉ से तुम जाले बुनते,
तुमतो अच्छे तानाशाह हो,
तुमतो सच्चे मानाशाह हो.
अविनाश जी लिखते हैं तो लिख चलते हैं। हास्य-व्यग्य की दुनिया के सचमुच मानाशाह हैं।
यार! आपका तरीका मुझे बहुत पसंद आता है। ठिठोली का यह रंग भी बढ़िया है।
बहुत सुंदर लगा ...अच्छा लिखते हैं अविनाशजी।
बहुत सुन्दर. मानाशाह की हुकूमत चहुंओर व्याप्त हो.
बहुत सुंदर ....
अविनाशजी की जै हो।
लिखे ही चले जाते हैं :)
क्या बात है अविनाश भाई..बह चले मानाशाह!!
बढ़िया लगा यह
सबके मन में हम
हम सबके मन हैं
ब्लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...
"वाह वाह और बस वाह "
Regards
हम मौन नहीं
मनन में हैं
चिंतन में हैं
विमर्श में हैं
परामर्श में हैं
निष्कर्ष में होते
हुए उत्कर्ष में हैं।
वाह अविनाश जी वाह। क्या खूब कही।
सबके मन में हम
हम सबके मन हैं
ब्लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...
BAHUT ACHHI BAT SIR JI..
alok singh "sahil"
ब्लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
nayee sangya??
हम मौन नहीं
मनन में हैं
चिंतन में हैं
विमर्श में हैं
परामर्श में हैं
निष्कर्ष में होते
हुए उत्कर्ष में हैं
बहुत सुंदर...तुमतो सच्चे मानाशाह हो
अपुन भी आजकल मनन कर रऐल्ला है.....
चिंतन कर रऐल्ला है....
विमर्श कर रऐल्ला है और परामर्श करने की सोच रऐल्ला है.....
बहुत बढिया...
"मानाशाह "
बहुत खूब कहा आपने .......
जय ब्लोगिंग !!
जय इन्टरनेट !!
जय अविनाश !!
accha likha hai avinash ji,maun nahi, manasha hain,hum.
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...
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