सोमवार, 19 जनवरी 2009

ब्‍लॉगर यानी चिट्ठाकार उर्फ मानाशाह ... मन की ताकत के बादशाह

हम कौन हैं
पूछा गया
तो जवाब
नहीं आया
सब मौन।

ब्‍लॉगर
मीडियाकर्मी
प्रिंट से या
इंटरनेट से।

जाल में हैं
हम नेट के।

नेट खुद
जाल ही है
हम नेट के
जाल में हैं।

हम मौन नहीं
मनन में हैं
चिंतन में हैं
विमर्श में हैं
परामर्श में हैं
निष्‍कर्ष में होते
हुए उत्‍कर्ष में हैं।

सबके मन में हम
हम सबके मन हैं
ब्‍लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...

18 टिप्‍पणियां:

मनुदीप यदुवंशी ने कहा…

माना मन के मानाशाह हो,
ताने और बाने को लेकर-
मकड़ जाल के तानाशाह हो,
शब्दॉ से तुम ताने बुनते,
भावॉ से तुम जाले बुनते,
तुमतो अच्छे तानाशाह हो,
तुमतो सच्चे मानाशाह हो.

Sushil Kumar ने कहा…

अविनाश जी लिखते हैं तो लिख चलते हैं। हास्य-व्यग्य की दुनिया के सचमुच मानाशाह हैं।

शैलेश भारतवासी ने कहा…

यार! आपका तरीका मुझे बहुत पसंद आता है। ठिठोली का यह रंग भी बढ़िया है।

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर लगा ...अच्‍छा लिखते हैं अविनाशजी।

Himanshu Pandey ने कहा…

बहुत सुन्दर. मानाशाह की हुकूमत चहुंओर व्याप्त हो.

prabhat gopal ने कहा…

बहुत सुंदर ....

अजित वडनेरकर ने कहा…

अविनाशजी की जै हो।
लिखे ही चले जाते हैं :)

Udan Tashtari ने कहा…

क्या बात है अविनाश भाई..बह चले मानाशाह!!

रंजू भाटिया ने कहा…

बढ़िया लगा यह

seema gupta ने कहा…

सबके मन में हम
हम सबके मन हैं
ब्‍लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...
"वाह वाह और बस वाह "
Regards

सुशील छौक्कर ने कहा…

हम मौन नहीं
मनन में हैं
चिंतन में हैं
विमर्श में हैं
परामर्श में हैं
निष्‍कर्ष में होते
हुए उत्‍कर्ष में हैं।

वाह अविनाश जी वाह। क्या खूब कही।

आलोक साहिल ने कहा…

सबके मन में हम
हम सबके मन हैं
ब्‍लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...
BAHUT ACHHI BAT SIR JI..
alok singh "sahil"

Alpana Verma ने कहा…

ब्‍लॉगर नहीं हैं
मानाशाह हैं हम

nayee sangya??

समयचक्र ने कहा…

हम मौन नहीं
मनन में हैं
चिंतन में हैं
विमर्श में हैं
परामर्श में हैं
निष्‍कर्ष में होते
हुए उत्‍कर्ष में हैं
बहुत सुंदर...तुमतो सच्चे मानाशाह हो

राजीव तनेजा ने कहा…

अपुन भी आजकल मनन कर रऐल्ला है.....
चिंतन कर रऐल्ला है....
विमर्श कर रऐल्ला है और परामर्श करने की सोच रऐल्ला है.....

बहुत बढिया...

Kirtish Bhatt ने कहा…

"मानाशाह "
बहुत खूब कहा आपने .......
जय ब्लोगिंग !!
जय इन्टरनेट !!
जय अविनाश !!

Vinashaay sharma ने कहा…

accha likha hai avinash ji,maun nahi, manasha hain,hum.

बेनामी ने कहा…

मानाशाह हैं हम
तानाशाह यानी
तन की ताकत
और मानाशाह ...