रात के १२ बजे जब अपने प्रेस से घर वापस आ रहा था, तो रास्ते में कुत्तों का वृहद् सम्मेलन देखकर ठिठक गया। विश्वास दिलाता हूं कि मैं कुत्तों की भाषा समझ सकता हूं। लेकिन दुख है कि कुत्तों की तरह बोल नहीं सकता। बहस बिलकुल सामयिक और रोचक चल रही थी।
मुद्दा नेताओं द्वारा उनके अपमान का था।
यहां नेताओं के लिपिस्टिक प्रसंग से लेकर एनएसजी के शहीद कमांडो के परिवारवालों के प्रति दी गयी टिप्पणियों पर जोरदार बहस चली। अंत में सवॆसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित हुआ।
प्रस्ताव - कुत्तों की वफादारी को नजरअंदाज करना कुत्तों का अपमान है। आज दुनिया के हर राष्ट्राध्यक्ष के समारोह स्थल पर पहुंचने से पहले ही कुत्ता पहुंचता है और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। कुत्ता जिसका नमक खाता है, उसके प्रति आजीवन वफादार रहता है। वह ऐसे नेताओं से काफी ऊंचा है, जो सिफॆ स्वाथॆ और पुश्त दर पुश्त के लिए धन इकट्ठा करने के पीछे लगे रहते हैं। हम जैसे हैं, वैसे ही ठीक हैं। हम ऐसे नेताओं की घोर निंदा करते हैं, जो हमें हीन भावना से देखते हैं और हमारी तौहीन करते हैं।
भारी मन से कुत्तों के समूह द्वारा पारित प्रस्ताव सुनकर घर आया।
उद्वेलित हूं।
क्या आप कुछ कहेंगे?
11 टिप्पणियां:
उनका प्रस्ताव केरल भेज दिया गया है....
यह प्रस्ताव तुंरत केरल भेज दीजिये वरना कुत्ते कल आपके ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास कर देंगे.
bilkul uchit hai, kal ko giddh, suar aur gadhe bhi aisa hi karte huye milenge
अच्छा व्यंग्य है, मंत्री हैं भी इसी लायक.
मैं भी सहमत हू भौ भौ
- कुश का कुत्ता (टॉमी)
धन्यवाद आपने हमारी बात यहा लिखी.. भौ भौ
बहुत बढ़िया प्रस्ताव पारित हुआ है .अच्छा व्यंग लिखा है आपने
bahut badhiya lekh aur prastav bhi:)
suna hai yudhishtir bhee koob dukhi hai
भौं भौं.. मेरी गली का कुत्ता कुछ ऐसे ही विरोध प्रकट कर रहा था..
बहुत बढ़िया प्रस्ताव -
-UAE Se 'Dogs' samiti 'ki bhi sahmati hai is mein.भौ भौ
[from-Our dog 'Tiger']
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